In remembrance of SSR
किसीने बहुत कमाल की बात कही हैं, तत् पर बेठे बेठे तेरे हाथ कहा कुछ आयेगा, रत्न मिलेंगे तुजको जब सागर की तेह में तू जायेगा, कुछ ना आया हाथ सम्जना डुबकी अभि अधुरी हैं, चाहे जितना भी हो मुश्किल, पहेला कदम जरुरी हैं! सुशांत सिंग राजपूत का भी सफर कुछ ऐसे ही था| उसने सुन्या से सुरुवात की और एक उभरता हुआ कलाकार बन गया | पवित्र रिश्ता से लेकर एम एस धोनी तक सफर कठीण था पर बंदे में दम था| खुदकी छाप बनायी इस मायानगरी मैं बस एक फैसला गलत ले लिया| खुदकुशी??????? उस दिन अपनी बेरहमी पे सबसे ज्यादा वक्त रोया था| मोहब्बत के आसमान ने अपने सितारे को खोया था | केहते हैं तुटे हुये सितारो को देखलो तो तमन्नाय पुरी हो जाती हैं, ये सितारा खुद अपनी तमन्ना के लिये तुता था | इस कलाकार की तमन्ना कुछ और थी ना कर पाया व अपनी तमन्ना पुरी | आज व भी कही आराम से बेठकर ये तमाशा देख रहा होगा और सोचता भी होगा काश लोगो ने मेरा साथ तब दिया होता तो आज मैं यहा अकेला बेठा नही होता| अब में जहाँ हूं वहा चैन से रेहने दों मेरे लाश पे अपना आशियाना ना बनाओ| जब तुम्हे अकेले में मेरी याद आयेगी तो आसुओ की बारीश में भिग जाओगे| क्य...